40 वर्षीय श्री रजत अग्रवाल एक सरकारी महकमे में अफसर हैं। एक माह पहले सुबह-सुबह छाती में तीव्र पीड़ा हुई, घर वाले अस्पताल लेकर भागे, जहाँ उन्हें बताया गया कि उन्हें हार्ट अटैक हो गया है एवं स्थिति गंभीर है। लगभग दो हफ्ते अस्पताल में रहने के बाद, उन्हें सलाह दी गई कि उन्हें बायपास ऑपरेशन करा लेना चाहिये।
श्री रजत अग्रवाल के घर परिवार के सदस्य इस बात को लेकर परेशान हैं कि उन्हें इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक क्यों हो गया? जबकि उन्हें न तो ब्लड प्रेशर था न ही डायबिटीज़ थी न ही वो धुम्रपान एवं तम्बाखू का उपयोग करते थे, और न ही वो मोटे थे। उनके परिवार में भी किसी को हार्ट अटैक होने का इतिहास नहीं था। इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिये हमें रजत जी की दिनचर्या, स्वभाव एवं मानसिक तनाव को गहराई से समझना पड़ेगा।
रजत जी काफी अंतर्मुखी स्वभाव के व्यक्ति हैं, न किसी की तारीफ कर सकते हैं, न किसी की तारीफ सुन सकते हैं। अक्सर अपने सहकर्मी व सीनियर्स से उनकी पटरी नहीं बैठती। किन्हीं कारणों से उन्हें समय पर पदोन्नति नहीं मिल सकी। घर पर भी वे अपने बच्चों की पढ़ाई एवं व्यवहार से काफी असंतुष्ट रहते हैं। बीवी-बच्चे उनके सामने जाने से कतराते हैं। बच्चों एवं घर पर किसी भी सदस्य का टी.वी. देखना या संगीत सुनना रजत जी को बिल्कुल नहीं सुहाता था। आज तक एक भी ऐसा मौका नहीं आया कि रजत जी, परिवार या दोस्तों के साथ सैर-सपाटे के लिये गये हों या पिक्चर देखने गये हों।
इस तरह हम देखते हैं कि रजत जी के जीवन में उन्होंने मानसिक तनाव को ही अपना जीवनसाथी बना लिया है और उनके जीवन में मनोरंजन एवं खुशी का पूर्ण अभाव है।
आईये देखें मनोरंजन होता क्या है?
मनोरंजन के शब्दकोष की परिभाषा जो भी हो परंतु हम यह कह सकते हैं कि अपनी दिनचर्या में बिताया गया वह समय है जब हम दुनियाँदारी के सब ग़म भूलकर किसी मन को खुशी देने वाले कार्य में व्यस्त हो जाते हैं। चाहे ये समय हम क्रिकेट मैच देख लें, अच्छा संगीत सुन लें, कोई अच्छी पिक्चर देख लें या दोस्तों के साथ बैठकर गपशप मार लें। कुछ लोग ग़म ग़लत करने के लिये शराब का भी सहारा ले लेते हैं। कुछ लोग ध्यान, योग अथवा खेलकूद द्वारा शारीरिक फिटनेस भी प्राप्त कर लेते हैं। यदि हम मनोरंजन शब्द को संधि-विच्छेद करके देखें तो हम पायेंगे मन+रंज+न यानि वह समय जिसमें मन में कोई रंज न हो। अनेक शोधों से पता चला है कि मनोरंजन का अभाव हार्ट अटैक के ख़तरे को काफी हद तक बढ़ा देता है।
आईये देखें मनोरंजन का फायदा उठाने के लिये हम क्या-क्या कर सकते हैं :-
खेलकूद :- यदि आप अपनी दिनचर्या में आधा से एक घंटा किसी पसंद के खेल के लिये निकाल लें तो यह सोने पे सुहागे की तरह है। इसमें मनोरंजन के साथ व्यायाम भी हो जायेगा और साथ ही दोस्ती और गपशप भी। बेडमिन्टन, टेबिल-टेनिस, टेनिस, तैराकी जैसे खेल अपने आप में बहुत अच्छे व्यायाम भी हैं। इनडोर खेल जैसे- केरम, ताश आदि मनोरंजन का साधन हो सकते हैं परंतु आपको व्यायाम के लिये अलग से समय निकालना होगा।
साहित्य संगीत :- फिल्म, अच्छा मनपसंद साहित्य पढ़ना अथवा परिवार जनों/दोस्तों के साथ संगीत सुनना या अच्छी मूवी देखना भी मनोरंजन का अच्छा तरीका है।
सैर-सपाटा :- सप्ताह में एक बार परिवार के साथ अथवा दोस्तों के साथ सैर-सपाटे पर जाना मनोरंजन का बेहतरीन तरीका है। जिसके दौरान आप अपनी चिंतायें भूल जाते हैं एवं सामाजिक ताल-मेल भी बढ़ेगा। साल में एक बार छुट्टियाँ मनाने अपने शहर के बाहर जाना भी काफी आनंद दायक हो सकता है। अक्सर यह देखा गया है कि छुट्टियाँ मनाते समय गम्भीर रोगी भी अपने आप को स्वस्थ महसूस करते हैं। यही नहीं यह भी देखा गया है कि छुट्टियों का आनंद लेते समय गम्भीर रोगियों को भी हार्ट अटैक नहीं होते। छुट्टियों से लौटने के बाद भी आनंद की अनुभूति कई दिनों तक बरक़रार रहती है व अपने दिन-प्रतिदिन के काम को अच्छे से करने की स्फूर्ति प्रदान करती है।
मेल-मिलाप एवं दोस्ती यारी :- अकेलापन अपने आप में मानसिक तनाव एवं समाज से कटे लोगों पर बुढ़ापे की मार जल्दी पड़ती है। सामाजिक मेल-मिलाप, मेल-जोल एवं हँसी-मज़ाक, जीवन का एक ज़रूरी आयाम है। इसका अभाव डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन व मानसिक तनाव पैदा करता है। ऐसे व्यक्तित्व वाले को दूसरों से शिकायत, निंदा एवं ईर्ष्या कर अपनी सेहत को बिगाड़ते हैं।
यदि आप भी इस तरह का व्यक्तित्व रखते हैं तो इसे धीरे-धीरे बदलिये। इससे आपकी सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यदि आप दूसरों की तारीफ करेंगे तो वे भी आपकी तारीफ करेंगे। याद रखिये जिनकी कोई तारीफ नहीं करता उन्हें अपनी तारीफ ख़ुद करनी पड़ती है। अपने मुँह मियाँ मिट्ठू न बनना ही अच्छा है।
तो साथियों, यदि आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो मनोरंजन को अपने जीवन में अवश्य अपनायें। मनोरंजन स्वास्थ्य के लिये एक बेहतरीन टॉनिक है, जो आपको मानसिक तनाव, हाई बी.पी., हाई शुगर एवं हार्ट अटैक से बचाने में सहायक है। मानसिक तनाव द्वारा उत्पन्न अनेक हार्मोन संबंधी परिवर्तन को हम मनोरंजन द्वारा बेअसर कर सकते हैं। चिंता छोड़िये और मनोरंजन की कोई गतिविधि अपनाईये।
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